बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक और “राजनीतिक उत्तराधिकारी” की भूमिका से हटाने की घोषणा की है। यह खुलासा मंगलवार को किया गया। यह निर्णय, दिसंबर 2023 में लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान मायावती द्वारा सार्वजनिक रूप से उन्हें अपना स्पष्ट उत्तराधिकारी घोषित करने के महज पांच महीने बाद आया है। इस घोषणा का समय 2024 में चल रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के साथ मेल खाता है।
मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को किया वारिस पद से ‘बर्खास्त’
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में मायावती ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि बीएसपी एक पार्टी होने के साथ-साथ बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान व आत्मसम्मान और सामाजिक परिवर्तन का एक आंदोलन भी है जिसके लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी और मैंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है और इसे गति देने के लिए एक नई पीढ़ी भी तैयार हो रही है।
इसी दिशा में मैंने पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ श्री आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन पार्टी और आंदोलन के व्यापक हित में उनसे इन दोनों महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से तब तक के लिए वंचित किया जा रहा है जब तक कि वे पूर्ण परिपक्वता प्राप्त नही करता । मायावती ने यह भी पुष्टि की कि आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी और आंदोलन में अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा, “बसपा नेतृत्व पार्टी और आंदोलन के हित में और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर बलिदान देने से पीछे नहीं हटेगा।”
क्या कारण है आकाश आनंद को बर्खास्त करने के?
मायावती के इस कदम के पीछे के सटीक कारणों का कोई खुलासा नहीं किया, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद 29 साल के आकाश आनंद पर उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने का मामला दर्ज हुआ था। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आरोप एक चुनावी रैली में दिए गए उनके जोशीले भाषण से उपजा है, जिसके दौरान कथित तौर पर उन्होंने सरकार के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी।
एक चुनावी रैली में अपने संबोधन के एक वीडियो में, आनंद को यह कहते सुना गया, “यह सरकार एक बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ देती है और अपने बुजुर्गों को गुलाम बना लेती है, वह आतंकवादी सरकार है। अफगानिस्तान में तालिबान ऐसी सरकार चलाता है।”
कौन है आकाश आनंद ?
आकाश आनंद ने 22 साल की उम्र में 2017 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक रैली में मायावती के साथ अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हुए राजनीति में अपना प्रारंभिक कदम रखा।16 अप्रैल 2019 को उन्होंने आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में अपनी पहली रैली को संबोधित किया था. बसपा उस समय समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और मायावती के नेतृत्व वाले अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल के साथ बने महागठबंधन का हिस्सा थी। यह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बना एक कांग्रेस-विरोधी और भाजपा-विरोधी गठबंधन था। जून 2019 में, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान, आनंद ने बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक की भूमिका निभाई। कई मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि मायावती आनंद को लंबे समय के लिए तैयार कर रही थीं, यह भावना 15 जनवरी, 2022 को उनके 66वें जन्मदिन समारोह के दौरान गूंजी, जहां उन्होंने उनके लिए “बड़ी भूमिका” का संकेत दिया था। 26 मार्च, 2023 को गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में पूर्व बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ से शादी के साथ उनका निजी जीवन भी सुर्खियों में रहा था।