सनातन धर्म में श्रावण मास को भगवान शिव भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने की शुरुआत गुरू पूर्णिमा के बाद होती है। सावन का महीना आज से ही शुरू हो रहा है और आज ही सावन का पहला सोमवार भी है। हिंदु पंचांग के अनुसार, सावन महीने की शुरुआत इस साल 22 जुलाई यानी कि आज से हो रही है। धार्मिक मत यह है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ के संग मां पार्वती की पूजा करने से मनुष्य का जीवन सुखमय हो जाता है। शास्त्रीय मान्यता यह भी है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति तो होती ही है, और मृतयोग के समान विपत्ति भी टल जाती है।
सावन के सोमवार की पूजा विधि
आज के दिन प्रातः काल या प्रदोष काल में स्नान करने के पश्चात शिव मंदिर जाएं। घर से ही नंगे पैर में जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर साथ लेकर जाएं। मंदिर पहुंचकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, साथ ही भगवान को साष्टांग करें। उसके बाद वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करे। दिन में केवल फलाहार का ही सेवन करे। सायंकाल के समय महादेव के मन्त्रों का फिर से जाप करें, तथा उनकी आरती करें। अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर ही व्रत का पारायण करें।
सावन सोमवार की पूजा का महत्व
महादेव की सोमवार की पूजा श्रावण महीने में खास तौर से वैवाहिक जीवन की पूर्ति के लिए की जाती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विवाह का योग न बन रहा हो या फिर विवाह होने में बहुत सारी अडचने आ रही हों तो उस व्यक्ति को विशेष रूप से सावन के सोमवार की पूजा करनी चाहिए। अगर किसी की कुंडली में उम्र या फिर स्वास्थ्य संबंधित बाधा आ रही हो और वह व्यक्ति मानसिक स्थितियों का सामना कर रहा हो तब भी सावन सोमवार की पूजा को उत्तम माना जाता है। सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा सर्वोत्तम पूजा की जाती है। जिसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है ।
सावन के पहले सोमवार के विशेष उपाय?
सावन के पहले सोमवार के दिन यह प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल में ही की जाए, इस समय शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा को अर्पित करें। इसके बाद शिव मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं तथा शिवलिंग की परिक्रमा करें। शिव जी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।