Delhi's Railway Museum receives bomb threat

दिल्ली के रेलवे संग्रहालय समेत 10 से अधिक संग्रहालयों को मिली बम की धमकी

पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में फर्जी कॉल की घटनाओं की एक और श्रृंखला में, दिल्ली के कई संग्रहालयों को बम की धमकी मिली, जो बाद में फर्जी निकली। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के रेलवे संग्रहालय सहित करीब 10-15 संग्रहालयों को धमकी भरी बम की ईमेल भेजी गई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, “सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की टीम मामले की जांच करने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। बम की धमकी से संबंधित मेल मंगलवार को शहर के रेल संग्रहालय सहित और भी विभिन्न संग्रहालयों को भेजा गया था।

फर्जी ईमेल

जब पुलिस अधिकारियों ने जांच की तो अधिकारियों ने पाया कि यह मेल एक ‘धोखाधड़ी’ थी और संग्रहालयों में कोई भी बम नहीं मिला। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और फर्जी कॉल के पीछे के लोगों का पता लगाने के लिए आगे की जांच को जारी रखा है। यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले भी देश की राजधानी में कई संस्थानों; अस्पतालों, हवाई अड्डों, कॉलेजों और स्कूलों को हाल ही में बम की झूठी धमकियाँ मिल चुकी है।

दिल्ली में फ़र्ज़ी बम धमकियों की पिछली घटनाएँ

मई में भी दिल्ली विश्वविद्यालय के दो कॉलेजों को बम की झूठी धमकियाँ मिली थीं। उसी महीने, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के 100 से ज़्यादा स्कूलों को भी बम की झूठी धमकियाँ मिली थीं। इससे पहले, अप्रैल में, हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों में बम की झूठी धमकी वाले ईमेल की घटनाओं पर दिल्ली सरकार से विस्तृत स्थिति रिपोर्ट माँगी गई थी। 17 मई को, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुई बम धमकियों के सिलसिले में दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट दायर की और कहा कि पांच बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) तैनात किए गए हैं और प्रत्येक जिले में 18 बम डिटेक्शन टीमो (बीडीटी) को भी मौजूद किया गया हैं, आईजीआई हवाई अड्डे, रेलवे और मेट्रो पर। यह भी कहा गया है कि 1,764 स्कूल सेंट्रल रेंज में, 1,032 पूर्वी रेंज में, 1,762 पूर्वी रेंज में और 76 नई दिल्ली रेंज में आते हैं।

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Comment (1) on “दिल्ली के रेलवे संग्रहालय समेत 10 से अधिक संग्रहालयों को मिली बम की धमकी”

  1. I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.

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