ऑस्ट्रेलिया की स्वतंत्र सीनेटर Lidia Thorpe ने किंग चार्ल्स पर स्वदेशी लोगों के साथ नरसंहार होने का आरोप लगाया है और कहा कि, “आप मेरे राजा नहीं हैं। सोमवार को 51 वर्षीय स्वतंत्र सीनेटर Lidia Thorp ने किंग चार्ल्स के संसदीय स्वागत समारोह में बाधा डालते हुए कहा, “आपने हमारे लोगों के खिलाफ नरसंहार किया। हमें हमारी ज़मीन वापस लौटा दो। हमें वह सब दो जो तुमने हमसे चुराया – हमारी हड्डियाँ, हमारी खोपड़ी, हमारे बच्चे, हमारे लोग।
कौन है Lidia Thorpe?
Lidia Thorpe का जन्म साल 1973 में विक्टोरिया राज्य के कार्लटन में हुआ। वह गुन्नई, गुंडितजमारा और दजब वुरंग लोगों से ताल्लुक रखती हैं और आदिवासी मुद्दों के लिए राजनीति और वकालत में एक प्रमुख व्यक्ति रही हैं। स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी से Lidia Thorpe ने सामुदायिक विकास में डिप्लोमा और सार्वजनिक क्षेत्र प्रबंधन में स्नातक प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। Lidia Thorpe राजशाही के अपने कड़े विरोध और स्वदेशी अधिकारों की वकालत के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
राजनीतिक करियर
साल 2017 में पहली बार Lidia Thorpe नॉर्थकोट सीट से उपचुनाव जीतकर विक्टोरियन विधान सभा के लिए चुनी गई थीं। जहां पर उन्हें 45 प्रतिशत से ज़्यादा प्राथमिक वोट मिले थे। उसके अगली साल दिसंबर 2018 में, वह लेबर उम्मीदवार कैट थियोफेनस से अपनी सीट हार गईं। 2020 में, विक्टोरियन ग्रीन्स के सदस्यों ने संघीय सीनेट सीट के लिए भी उन्हे चुना गया, जो रिचर्ड डि नताले के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। सीनेट में उनके चुनाव ने Lidia Thorpe को सीनेट में विक्टोरिया का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली आदिवासी महिला भी बना दिया। वह ग्रीन्स की पहली आदिवासी संघीय सांसद भी हैं। मई 2022 में उनके फिर से चुने जाने के बाद, ग्रीन्स पार्टी रूम ने Lidia Thorpe को सीनेट में पार्टी के उपनेता के रूप में चुना। फरवरी 2023 में Lidia ने ग्रीन्स पार्टी छोड़ दी, पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण संसद में स्वदेशी आवाज़ के लिए जनमत संग्रह का समर्थन किया।
क्या हैं Lidia के विचार ?
Lidia Thorpe लंबे समय से ब्रिटिश राजतंत्र की आलोचक रही हैं, उन्होंने राजा चार्ल्स को “इन भूमियों का वैध संप्रभु नहीं” कहा है तथा इस संस्था पर स्वदेशी आस्ट्रेलियाई लोगों के खिलाफ नरसंहार करने का आरोप लगाया है। Thorpe ने बीबीसी से कहा, “वह वहां खड़े होकर कैसे कह सकते हैं कि वह हमारे देश के राजा हैं – उन्होंने हमारे लोगों और हमारी भूमि से इतनी संपत्ति चुराई है और उन्हें वह सब वापस देना चाहिए। और उन्हें इस देश में शांति संधि के लिए बातचीत करने की जरूरत है।वह हमेशा से ही ऐतिहासिक गलतियों को दूर करने के लिए आदिवासी और गैर-आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के बीच एक संधि की वकालत करती हैं। Lidia का मानना है कि संधि प्रक्रिया के माध्यम से गणतंत्र की ओर बढ़ने से “अधूरे काम” को हल करने में मदद मिल सकती है। राजनीति में आने से पहले भी वे कई सालों से स्वदेशी लोगों की सक्रियता में शामिल रही हैं। उन्होंने न्याय प्रणाली में सुधार, पर्यावरण संबंधी मुद्दों और स्वदेशी भूमि अधिकारों के लिए अभियान चलाया है। Lidia Thorpe ने 2022 में कहा था, “मेरे पास अश्वेत कार्यकर्ताओं और अपने लोगों के अश्वेत संघर्ष से प्रभावित होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था, मैं इसी माहौल में ही पैदा हुई हूं और मुझे इसके अलावा कुछ नहीं पता।”