भारत के फुटबॉल आइकन सुनील छेत्री ने गुरुवार को 6 जून को कुवैत के खिलाफ देश के फीफा विश्व कप क्वालीफिकेशन मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की है। भारत राष्ट्रीय टीम के कप्तान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के माध्यम से अपने इस फैसले की घोषणा की।
कब किया अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण?
39 वर्षीय स्ट्राइकर ने 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण किया था और उसी मैच में भारत के लिए अपना पहला गोल भी किया था। अब तक, छेत्री वर्तमान में सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल (150 मैचों में 94) के साथ तीसरे स्थान पर बने हुए हैं, उनसे आगे अर्जेंटीना के दिग्गज लियोनेल मेस्सी (180 मैचों में 106) के बाद दूसरे नंबर पर हैं और नेता क्रिस्टियानो रोनाल्डो (205 मैचों में 128) शीर्ष पर विराजमान है हैं। पुर्तगाल की किंवदंती मे वह सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले भारतीय फुटबॉलर भी हैं।
अगले महीने छेत्री के आखिरी अंतरराष्ट्रीय दौरे को ध्यान में रखते हुए, भारत वर्तमान में फीफा विश्व कप क्वालीफायर के ग्रुप ए में चार अंकों के साथ शीर्ष पर चल रहे कतर के बाद दूसरे स्थान पर बना है। वही कुवैत 3 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है।
सुनील छेत्री के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 में एक पहाड़ी क्षत्रिय परिवार में हुआ ये पेशे से फुटबॉलर हैं, और भारतीय राष्ट्रीय टीम और इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरू एफसी के कप्तान भी है सुनील छेत्री मुख्यत कैप्टन फैंटास्टिक के रूप में जाने जाते हैं, अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सर्वाधिक गोल करने के मामले में ये क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद तीसरे स्थान पर आते है इन्होंने भारत को 2007 नेहरू कप, 2009 नेहरू कप, 2012 नेहरू कप और साथ ही 2011 सैफ चैम्पियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। ये 2008 एएफसी चैलेंज कप के दौरान भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक था, जिसमें भारत ने टूर्नामेंट जीता और इस तरह 27 वर्षों में अपने पहले एएफसी एशियाई कप के लिए भी क्वालीफाई किया छेत्री ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ प्लेयर ऑफ़ द ईयर खिताब को छः बार 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018–19में जीता है।2015 में वह 50 अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने भी थे इसके अलावा सुनील छेत्री को 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्म श्री जैसे पुरस्कार भी मिल चुके है ।