4 जुलाई 2024 को स्वामी विवेकानंद की 122वीं पुण्यतिथि के रूप में मनाया जा रहा है, क्यूंकि साल 1902 में आज के ही दिन मात्र 39 साल की उम्र में स्वामी विवेकानंद जी ने इस दुनिया को अलविदा कहा था उसके बाद से ही यह दिन उनकी पुण्यतिथि में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी
- जन्म तिथि: 12 जनवरी, 1863
- जन्म का स्थान: कलकत्ता, बंगाल प्रेसीडेंसी
- माता-पिता: भुवनेश्वरी देवी (माता) और विश्वनाथ दत्ता (पिता)
- शिक्षा: कलकत्ता मेट्रोपॉलिटन स्कूल; प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता
- संस्थान: रामकृष्ण मठ; रामकृष्ण मिशन; न्यूयॉर्क वेदांत सोसाइटी
- धार्मिक दृष्टिकोण: हिंदू धर्म
- मृत्यु: 4 जुलाई, 1902 बेलूर मठ, बेलूर, बंगाल
पढ़ाई में केसे थे स्वामी जी
वैसे तो स्वामी विवेकानंद बहुमुखी प्रतिभाओ के धनी थे, लेकिन पढ़ाई और लिखाई में उनका प्रदर्शन औसतन था। स्वामी जी ने यूनिवर्सिटी एंट्रेंस लेवल मे 47 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद स्वामी जी को कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला मिला था। प्रेसिडेंसी कॉलेज मे साल भर पढ़ाई करने के बाद उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज में दाखिला लेकर फिलॉस्फी की पढ़ाई की और 1881 में एफए परीक्षा पास की थी। स्वामी जी को एफए की परीक्षा में 46 फीसदी और बीए में 56 फीसदी अंक मिले थे। 1885 में इसी कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की थी।
किस चीज के शौकीन थे स्वामी विवेकानंद
स्वामी जी को चाय पीने का काफी शौक था। स्वामी विवेकानंद को अलग-अलग तरह की चाय पीने का बहुत शौक था। स्वामी जी ने उस समय पर बेलूर मठ में चाय का प्रवेश कराया था। इसके अलावा स्वामी जी को तले हुए आलू को मसालों के साथ मिलाकर खाना भी काफी पसंद था।
भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वामी जी की पुण्यतिथि को किया याद
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी जी को याद करते हुए एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और ज्ञान की अथक खोज भी बहुत प्रेरक हैं। हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।