भारतीय टीम के स्टार क्रिकेट बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 मई को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक भावुक पोस्ट करके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। यह खबर जंगल में आग की तरह फैली हुई है और टीम इंडिया के नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र से पहले कोहली के संन्यास के कारणों पर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। कोहली के रणजी कोच सरनदीप सिंह ने यह कहकर आश्चर्य व्यक्त किया कि 36 वर्षीय कोहली इंग्लैंड के खिलाफ भारत की आगामी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में शतक लगाना चाहते थे, वहीं कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि कोहली ने जानबूझकर टेस्ट क्रिकेट से बाहर होने का फैसला लिया है। अब भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी इस मामले पर खुलकर बात की।
विराट के फैसले पर मोहम्मद कैफ की राय
मोहम्मद कैफ का मानना है कि, विराट कोहली रणजी ट्रॉफी खेल में खेलने के प्रति अपने समर्पण को ध्यान में रखते हुए आगामी इंग्लैंड श्रृंखला के लिए अच्छी तरह से तैयार नजर आ रहे थे। हालांकि, पिछले 5-6 वर्षों में उनके खराब प्रदर्शन के कारण बीसीसीआई ने उन्हें नहीं चुना होगा। कैफ ने कहा, “मुझे लगता है कि वह इस प्रारूप में खेलना जारी रखना चाहते थे। उनकी बीसीसीआई के साथ कुछ आंतरिक बातचीत हुई होगी।” “चयनकर्ताओं ने पिछले 5-6 वर्षों में उनके प्रदर्शन का हवाला दिया होगा और उन्हें बताया होगा कि टीम में उनकी जगह अब नहीं बन रही है। हमें कभी पता नहीं चलेगा कि क्या हुआ, यह जानना मुश्किल है कि पर्दे के पीछे क्या हुआ।”
क्या बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का प्रदर्शन है कोहली के संन्यास की वजह?
मोहम्मद कैफ के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान विराट कोहली कम धैर्यवान और ज़्यादा जल्दबाजी में थे। “शायद वह सोच रहे थे कि ‘मैं अपने करियर के आखिरी चरण में हूँ, शतक बनाने का क्या मतलब है, पहले उनमें धैर्य का एक अलग स्तर होता था, लेकिन मैंने ऑस्ट्रेलिया में उनमें ऐसा नहीं देखा। शायद यह भी एक वजह से संन्यास की हो सकती है।
कोहली के टेस्ट मैच के आँकड़े
विराट कोहली ने साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। अपने शानदार करियर में, इस स्टार बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट प्रारूप में 210 पारियाँ खेली हैं और 9230 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर 254* का रहा है। अपने इस टेस्ट क्रिकेट प्रारूप के अंतराल में उन्होंने 123 मैचों में 30 शतक और 31 अर्द्धशतक लगाए हैं, जिससे वह रेड-बॉल क्रिकेट में भारत के लिए चौथे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं। अगर इस प्रारूप में सबसे ज्यादा रन बनाने की बात कर तो सभी विरोधियों में, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ़ 2232 रन बनाए हैं। वर्ष 2018 उनके लिए सर्वश्रेष्ठ रहा, जिसमें कोहली ने 1322 रन बनाए, जो एक कैलेंडर वर्ष में उनका सबसे ज़्यादा स्कोर है।