वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के नए अध्यक्ष के लिए चुना गया । सिब्बल को 1,066 वोट मिले और उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी वरिष्ठ वकील प्रदीप राय को हराया, जिन्हें 689 वोट ही मिले। सिब्बल ने इससे पहले भी 2001-02 में एससीबीए के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके है। वह इससे पहले भी अपनी सेवाएं 1995-1996 और 1995-1996 में दे चुके हैं।
कितने उम्मीदवार थे इस बार मैदान में?
इस बार चुनाव लड़ने के लिए छह उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। जिसमे कि
1)कपिल सिब्बल 2) प्रदीप कुमार राय 3)आदिश अग्रवाल 4)प्रिया हिंगोरानी 5) नीरज श्रीवास्तव
6) त्रिपुरारि शामिल थे।
इस चुनाव मे अधिवक्ता रचना श्रीवास्तव को उपाध्यक्ष चुना गया । उन्होंने 816 वोट हासिल किए और निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुकुमार पट्टजोशी को हराया, जिन्हें 784 वोट ही मिल सके।
जीत के बाद क्या कहा कपिल सिब्बल ने
सिब्बल ने कहा “वकील कानून के शासन को बनाए रखने के लिए होते हैं। वकील का उद्देश्य संविधान की रक्षा करना होना है इसलिए यदि आप खुद को राजनीतिक झुकाव के आधार पर विभाजित करते हैं, तो वास्तव में आप एक वकील के रूप में अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर रहे हैं। हो सकता है कि आपने ऐसा किया हो एक व्यक्तिगत राजनीतिक दर्शन, लेकिन इसका एक वकील के रूप में आपके कर्तव्य से कोई लेना-देना नहीं है। मैं एक राजनीतिक दल के साथ था, लेकिन हमने कभी भी अदालत में इसका समर्थन नहीं किया।”
कपिल सिब्बल का सफर
हार्वर्ड लॉ स्कूल से स्नातक करने के बाद सिब्बल ने 1989 से 1990 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया। 1983 में उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता का पद प्राप्त किया।1995 से 2002 की अवधि के दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री ने तीन मौकों पर एससीबीए अध्यक्ष का पद संभाला। सिब्बल के एससीबीए अध्यक्ष पद पर चुने जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ”कपिल सिब्बल को हाल ही में भारी बहुमत से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया है। यह उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और के लिए एक बड़ी जीत है।” प्रगतिशील ताकतें।” निवर्तमान प्रधान मंत्री के शब्दों में, यह राष्ट्रीय स्तर पर बहुत जल्द होने वाले परिवर्तनों का एक ट्रेलर भी है। जल्द ही पूर्व शासन के कानूनी ढोल बजाने वाले और चीयरलीडर्स को झटका लगा होगा!