हिंदू धर्म में भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। होली भाई दूज के उपलक्ष पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं। व्रत कथा पढ़ने का इस दिन विशेष ही महत्व रहता है।भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम और विश्वास को यह कथा दर्शाती है। इसे पढ़ने से भाई-बहन का रिश्ता और भी मजबूत होता है। भाई दूज की कथा पढ़ने से भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है। अब ऐसे में भाई दूज के दिन व्रत रखने वाली बहनों को व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए।
भाई को तिलक लगाने का ये रहेगा शुभ मुहूर्त
इस बार होली भाई दूज की द्वितीया तिथि शाम 4 बजकर 58 मिनट पर बन रही है, तो ऐसे में आज सुबह से शाम 4 बजकर 58 मिनट तक कभी भी तिलक किया जा सकता है।
भाई दूज व्रत कथा
कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी। उसके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी थी। बुढ़िया ने अपनी बेटी की शादी कर दी थी। होली के बाद बुढ़िया के बेटे ने अपनी मां से आग्रह किया कि वह अपनी बहन के घर जाकर तिलक करवाए। बुढ़िया ने अपने बेटे को जाने दिया। रास्ते में लड़के को एक नदी मिलती है,और नदी उस लड़के को रोकती है और कहती है कि, “मैं तुम्हें तभी आगे जाने दूंगी जब तुम मुझे अपना वचन दोगे। लड़के ने तब नदी को वचन दिया कि वह लौटते समय उसे कुछ देगा। तभी थोडा आगे चलकर लड़के को एक शेर मिला। शेर ने भी उसे रोका और कहा, “मैं तुम्हें तभी जाने दूंगा जब तुम मुझे अपना वचन दोगे।” लड़के ने शेर को वचन दिया कि वह लौटते समय उसे भी कुछ देगा। इसी तरह, थोडा आगे लड़के को एक साँप मिला। साँप ने भी उसे रोका और कहा, “मैं तुम्हें तभी जाने दूँगा जब तुम मुझे भी अपना वचन दोगे। लड़के ने साँप से यह भी वादा किया कि वह लौटते समय उसे भी कुछ देगा। आखिरकार, लड़का अपनी बहन के घर पहुँच ही जाता है। घर पहुंचने पर उसकी बहन ने उसका स्वागत किया और उसे तिलक लगाया। जब लड़का वापस जाने लगा, तो उसे एक नदी, एक शेर और एक साँप मिला। लड़के ने उन सभी से किया अपना वादा पूरा किया। जब लड़का वापिस घर पहुँचा, तो उसकी माँ ने उससे पूछा, “तुमने रास्ते में क्या देखा?” लड़के ने अपनी माँ को सारी आप बीती बताई। उसकी माँ ने कहा, “तुमने बहुत अच्छा किया। तुमने अपना वादा पूरा किया।” उस समय, भगवान विष्णु प्रकट हुए और लड़के को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा, “तुम एक अच्छे भाई हो। तुमने अपनी बहन के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है। मैं तुम्हें हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देता हूँ।”
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपना वचन निभाना चाहिए और अपने परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
कैसे मनाएं भाई दूज 2025 का त्योहार?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, होली भाई दूज के अवसर पर भाई प्रातः काल चन्द्रमा का दर्शन करें। इसके बाद यमुना के जल जल से स्नान करें। अपनी बहन के घर जाएं और वहां बहन के हाथों से बना हुआ भोजन ग्रहण करें। बहनें अपने भाई को भोजन कराएं। उनका तिलक करके आरती करें. फिर भाई सामर्थ्य के अनुसार भाई अपनी बहन को उपहार दें।