Govardhan Puja

Govardhan Puja पर करे यह विशेष पूजा कभी नहीं होगी धन की कमी

Govardhan Puja का त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हर वर्ष  पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल Govardhan Puja का  यह पर्व 02 नवंबर को है। इस दिन कि धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट तथा पीड़ा समाप्त हो जाते हैं। इस साल आप भी अगर श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना चाहते है, तो Govardhan Puja के दिन कृष्ण चालीसा का पाठ करें। इससे आपको सभी  प्रकार के सुखों की प्राप्त होगी।

समय तथा तिथि

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 01 नवंबर की शाम 06 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी। वहीं, Govardhan Puja 2024 का समापन 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में  इस साल Govardhan Puja (Govardhan Puja Shubh Muhurat 2024) का त्योहार 02 नवंबर को मनाया जाएगा। 

Govardhan Puja विधि 

गोवर्धन पूजा के दिन शरीर पर तेल की मालिश करके ही स्नान करें। स्नान करने के पश्चात घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही उस पर्वत को घेरकर आसपास ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं, उसके बाद गोवर्धन के पर्वत के बीचों-बीच भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। यह सब करने के बाद अब गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें और साथ ही अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें। पूजा समाप्त होने के पश्चात भगवान कृष्ण को पंचामृत और पकवान का भोग लगाएं। इस दिन कि ऐसी मान्यता है कि जो लोग गोवर्धन पर्वत की प्रार्थना करते हैं, उन लोगों की संतान से संबंधित सारी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

क्या है इस दिन की धार्मिक मान्याता?

Govardhan Puja की धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इंद्र का अभिमान तोड़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा करी  थी। माना यह भी जाता है कि इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया दिया था। तभी से यह प्रथा आज भी कायम है और हर साल यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

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