इस वर्ष Chhath Puja का महापर्व 5 नवंबर से लेकर 7 नवंबर तक पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा Chhat Puja के दिन महिलाएं व्रत रखकर अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख संपती की उपवासना करती है।आइए देखें इस साल की Chhath Puja का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Chhath Puja 2024 शुभ मुहूर्त
Chhath Puja का यह महापर्व 5 नवंबर यानि कि आज से शुरू होगा। भारत में यह त्यौहार विशेषकर से बिहार झारखंड और उतर प्रदेश के कुछ हिस्सो मै काफी उत्साह और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। पूजा की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है श्रद्धालु महावीर चौक पहुंचकर सूप लौकी, दौरा, अरवा के चावल और चने की दाल की खरीददारी करते है। इस पूजा में भक्तो द्वारा आस्था के साथ साथ स्वच्छता का भी विशेष ख्याल रखा जाता है। खरीदारी करने के बाद श्रद्धालु चार दिन के व्रत का संकल्प करेंगे इसके बाद अगले दिन यानि कि 5 नवंबर को चने की दाल, चावल और लौकी की सब्जी ग्रहण करके खरना करेंगे। इसके बाद 36 घंटे का निर्जल व्रत आरंभ होगा उसके बाद गुरुवार को पूरे परिवार के साथ जलाशय या फिर तालाब के पास जाकर सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है और साथ फल और पकवान भी सूर्य को चढाए जाते है इससे अगले दिन घाट पहुंचकर सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा।
क्या मान्याता है छठ त्यौहार की?
शास्त्रो के मुताबिक कार्तिक के महीने में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है इसलिए इस महीने में सूर्य की उपासना की जाती है ताकि स्वास्थय की समस्याएं ना हो इसलिए सूर्य और षष्ठी की पूजा करके संतान प्राप्ति और रक्षा दोनो होती है।
नहाए खाए पूजन विधि
Chhath Puja में व्रती पहले दिन किसी नदी या तालाब के किनारे में स्नान करता है उसके बाद व्रती पूरे तन मन धन से व्रत का संकल्प लेता है। नहाए खाए में व्रती सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करते है जो कि विशेषरूप से किसी कांसे या मिटी के बर्तन में ही बनाया जाता है। इस भोजन में कोई भी मसाला इस्तेमाल नहीं होता है। साथ ही इस दिन परिवार के अन्य सदस्य भी अपना भोजन व्रती के भोजन करने के बाद ही करते है।
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