भाजपा ने लगाया Mallikarjun Kharge पर इस घोटाले का आरोप: पूरी जानकारी देखे यहां

Dinesh Sharma
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge के परिवार पर कर्नाटक में उनके परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को भूमि आवंटन से संबंधित “घोटाले” में शामिल होने का आरोप लगाया। पार्टी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और कर्नाटक के राज्यपाल से Mallikarjun Kharge के बेटे Priyank Kharge को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।

क्या है पूरा विवाद?       

यह विवाद कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा खड़गे परिवार द्वारा संचालित सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बेंगलुरू के निकट हाई-टेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में पांच एकड़ भूमि के कथित आवंटन के इर्द-गिर्द घूमता है। इस ट्रस्ट में Mallikarjun Kharge, उनकी पत्नी राधाबाई, बेटे Priyank Kharge, दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि और छोटे बेटे राहुल खड़गे भी शामिल हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने Mallikarjun Kharge विवाद पर क्या कहा?

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से Mallikarjun Kharge, और कर्नाटक के मंत्री पद से Priyank Kharge के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से भी पद छोड़ने की मांग की। भाटिया ने कहा, “कांग्रेस के भ्रष्टाचार में निरंतरता जारी है। कांग्रेस का नया नारा है जहां भी हम जाएंगे, भ्रष्टाचार करेंगे, यह कहना गलत नहीं है कि कांग्रेस अब भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है।” भाटिया ने कथित अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, “हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, कई कंपनियों और संगठनों ने जमीन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इसे खड़गे परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को आवंटित कर दिया गया।” उन्होंने सिद्धारमैया सरकार के तहत पिछले कथित घोटालों का भी हवाला दिया, जिसमें MUDA और वाल्मीकि विकास निगम घोटाले भी शामिल हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में क्या कहा?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भूमि आवंटन का बचाव करते हुए कहा, “यह कानून के अनुसार किया गया है। उनका ट्रस्ट पात्र है, इसलिए हमने ऐसा किया है।” उन्होंने भाजपा के पिछले निर्णयों पर सवाल उठाया और कहा कि, “भाजपा ने सत्ता में रहते हुए चाणक्य विश्वविद्यालय के लिए भूमि का आवंटन कैसे किया? जबकि हमने तो इसे कानून के अनुसार ही किया है।

Priyank Kharge ने इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया दी

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए Priyank Kharge ने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट को आवंटित की गई साइट औद्योगिक या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। Priyank Kharge ने सवाल किया कि, ” हमारी ट्रस्ट का इरादा सीए साइट पर बहु-कौशल विकास केंद्र बनाना है। क्या यह गलत है? उन्होंने कहा कि एससी/एसटी संगठनों को आवंटित नागरिक सुविधा भूखंडों के लिए कोई सब्सिडी या रियायती दर नहीं थी और ट्रस्ट की पात्रता का बचाव करते हुए कहा, “ट्रस्टियों के पास अच्छी गुणवत्ता और किफायती शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन की पृष्ठभूमि है।” Priyank Kharge ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि, ” बीजेपी में बुनियादी सामान्य ज्ञान की कमी है कि सीए साइटों को आवंटित या नीलाम नहीं किया जाता है; उन्हें केआईएडीबी और सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार खरीदा जाना चाहिए।” उन्होंने कहा केवल 43 संगठनों ने ही 193 उपलब्ध साइटों के लिए आवेदन किया, भाई-भतीजावाद और प्रभाव के आरोपों को “निराधार” बताया। प्रियांक ने यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रेरणा ट्रस्ट, चाणक्य विश्वविद्यालय और राष्ट्रोत्थान सहित विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटित की थी, जिससे उन निर्णयों की वैधता पर सवाल उठता है।